RRR फिल्म की कहानी
फिल्म आर आर आर के शुरुआती सीन में जंगलों को दर्शाया जाता है जो कि एक ब्रिटिश साम्राज्य (1920) का समय होता है। जिसमें एक अंग्रेज अफसर शिकार खेलने के लिए जंगल में आया होता है। वहाँ एक गोंडो की बस्ती होती है, जोकि जंगल में रहते हैं। वहां एक छोटी बच्ची हाथों में मेहंदी लगाते हुए बहुत ही अच्छा सुरीला गाना गाती है। जिसे सुनकर अंग्रेज अफसर की पत्नी उस बच्ची को अपने साथ ले जाने के लिए कहती है। अंग्रेज अफसर उस बच्ची को अपने साथ ले जाने के लिए हां भर देता है। छोटी बच्ची को अपने साथ ले जाते देख, उसकी माँ ब्रिटिश अफसर से रोते बिलबिलाते हुए अपने बच्ची को वापिस मांगती है।
इतने में ही एक अंग्रेज सैनिक उसे गोली मारने वाला ही होता है इतने में ब्रिटिश अंग्रेज अफसर उसे गोली मारने से रोक देता है। ब्रिटिश अंग्रेज अफसर एक बुलेट की कीमत उस भारतीय महिला के जान से ज्यादा बताता है। अंग्रेज सैनिक अपनी पिस्तौल वापस रख लेता है और पास में ही पड़ी एक लकड़ी के टुकड़े को उसके सर में दी मार देता है। गोंडो के समुदाय की महिला लहूलुहान होकर बेहोश हो जाती है।
रामचरण और जूनियर एनटीआर की एंट्री
फिल्म आर.आर.आर के अगले सीन में दिल्ली को दर्शाया जाता है। हजारों की भीड़ प्रोटेस्ट करते हुवे एक पुलिस स्टेशन को घेरे होती है। तभी पुलिस स्टेशन के अंदर से एक अंग्रेज अफसर फ़ोन पर घबराते हुवे जल्दी से बैकअप टीम पुलिस स्टेशन भेजने को कहता है। परन्तु जवाब में बैकअप टीम आने में कई घंटे लगने की बात सुन अंग्रेज अधिकारी बडा ही घबरा जाता हैं। इतने में ही भीड़ में से एक व्यक्ति पत्थर उठाकर पुलिस स्टेशन के अंदर मारता हैं। जिसके बाद अंग्रेज अफसर उसे गिरफ्तार करने के लिए कहता है पर किसी भी पुलिस कर्मचारी में इतनी हिम्मत नहीं होती कि वह हज़ारो की भीड़ से टकरा जाए।
तब इस सीन में राम (रामचरण) की एंट्री होती है जो कि एक ब्रिटिश ऑफिसर का किरदार निभा रहे हैं वह उस भीड़ में बिना कुछ सोचे समझे कूद जाता है। इसके बाद जबरदस्त एक्शन सीन दिखाए गए हैं। जिसमें राम (रामचरण) अकेले ही सभी प्रोटेस्ट कर रहे लोगों से अकेले ही भीड़ जाते हैं। और उस लड़के को पकड़ कर पुलिस स्टेशन में बंद कर देते हैं। अगले सीन में राम (रामचरण) को अफसरों की पदोन्नति कार्यक्रम में दिखाया जाता है। अपनी जान जोखिम में डालने के बाद भी उन्हें प्रमोशन नहीं दिया जाता है। इस घटना के बाद वह निराश नजर आते हैं।
फिल्म के अगले सीन में भीम (जूनियर एनटीआर) को दर्शाया गया है। जिसमें वह अपने शरीर पर खून लगाते हुए नजर आते हैं। जिसकी सुगंध पाकर जंगली जानवर उनके पीछे लग जाते हैं। जंगलों के बीच में जूनियर एनटीआर आगे और जंगली जानवर उनके पीछे होता है। इसी भाग दौड़ में भीम (जूनियर एनटीआर) शेर को अपने जाल में फंसा लेते हैं।
लेकिन शेर उस जाल को चीरता हुआ उन्हें जख्मी कर देता है। भीम (जूनियर एनटीआर) संभलते हुए शेर के आंखों पर एक जहरीला पदार्थ मारते हैं। जिससे कि वह बेहोश हो जाता है। उसके बाद भीम (जूनियर एनटीआर) बेहोश हो चुके शेर से माफ़ी मांगते नजर आते हैं कि अपने काम को पूरा करने के लिए वह तुम्हारी बलि ले रहे हैं, इसके लिए हमे माफ़ कर देना।
अंग्रेज अफसर और भीम में झड़प
एक हट्टा कट्टा अंग्रेज अफसर अपनी बाइक लेकर भीम के दुकान पर आता है। जहां भीम गाड़ी सुधारने का कार्य करता है। अंग्रेज अफसर बार बार किक मार के परेशान हो जाता है। भीम आकर के बाइक के आयल को ऑन कर एक ही किक में स्टार्ट कर देता है। यह देख उस अंग्रेज की गर्लफ्रेंड उस पर हंस पड़ती है। जिससे कि वह अपमानित महसूस करता है।
अंग्रेज अपना गुस्सा निकालने के लिए वह भीम पर इल्जाम लगाता है कि यह बाइक तुम लोग जानबूझकर ठीक से नहीं बनाते हो जिसकी वजह से हम अंग्रेज अफसरों को दिक्कत होती है। अंग्रेज अफसर भीम को बुरी तरीके से मारता है। बहुत ज्यादा मार खाने के बाद भी वह अपनी सच्चाई नहीं बताता और उस अंग्रेज अफसर पर हाथ नहीं उठाता है।
अंग्रेजी हुकूमत का गोंडो को पकड़ने का हुकुम
अंग्रेजी प्रशासन को पता चल जाता है कि जिस बच्ची को वह जबरदस्ती उठाकर जंगल से लाए हैं। उसके समुदाय के लोग दिल्ली में आ चुके हैं। अंग्रेज अफसर उस मीटिंग में सभी मौजूद पुलिस कर्मचारियों से यह वादा करता है कि जो भी गोंडा समुदाय के लोगो को पकड़ कर जेल में बंद करेगा। उसे वह प्रमोशन देंगे, इतने में ही राम जो कि उन अफसरों के बीच में होता है। वह उनसे वादा करता है कि वह उसे पकड़ कर लाएगा।
इसके बदले में अंग्रेज अफसर की वही पत्नी जो कि उस बच्ची को उठाकर अपने साथ ले आई थी वह राम से वादा करती है कि अगर तुमने उन गुंडों को पकड़ लिया तो तुम्हारा प्रमोशन पक्का किया जायेगा। परंतु राम को उन लोगों के बारे में कुछ भी नहीं पता होता है। राम सोचता है कि किसी भी तरीके से गोंडो के सरदार तक पहुंचा जाए ताकि उन्हें गिरफ्तार करके प्रमोशन हासिल कर सके।
भीम का महल में कैद मल्ली को छुड़ाने के लिए रास्ता ढूंढना
दूसरी तरफ भीम को उस पैलेस के आज देखा जाता है। जहां मल्ली को कैद किया गया है। जेनिफर नाम की ब्रिटिश युवती को देखता है जोकि बहुत ही कोमल हृदय की होती है।भीम उस ब्रिटिश युवती के माध्यम से महल में घुसने की योजना बनाने की सोचने लगता है। भीम सोचता है कि किसी भी प्रकार से महिला से अपनी दोस्ती बड़ाई जाये ताकि महल में आसानी से प्रवेश कर सके और किसी को शक भी ना हो।
राम और गोंडा समुदाय के लोगों से आमना सामना
स्वतंत्रता के लिए लड़ रहे भारतीयों के बीच अपनी पहचान छिपाकर राम उनमें शामिल हो जाता है। राम लोगों के बीच अपनी राय रखते हुए उस बड़े अंग्रेज अफसर को जान से मारने की बात कहता है। जिसे लोग वहां ज्यादा तवज़्ज़ो नहीं देते। थोड़ी देर बाद गोंडा समुदाय का एक व्यक्ति उसके पास आता है, और राम से कहता है क्या यह मुमकिन है कि अंग्रेज अफसर को मौत के घाट उतार दिया जाए। राम उस व्यक्ति को आश्वासन दिलाता है कि यह बिल्कुल मुमकिन है।
बस पूरी योजना के साथ अगर काम किया जाए तो यह हो सकता है। राम के यकींन दिलाने पर वह व्यक्ति गोंडा समुदाय के बारे में बताता है। उनकी मदद करने का आग्रह करता है। राम भी उसकी मदद करने के लिए तैयार हो जाता है। लेकिन रास्ते में गोंडा समुदाय का व्यक्ति समझ जाता है कि यह कोई अंग्रेज हुकूमत का कोई अफसर है जोकि भेष बदलकर उन्हें गिरफ्तार करने के लिए आया है। वह राम को वहां से चकमा देकर भाग निकलता है।
राम और भीम की दोस्ती की शुरुआत
फिल्म आगे बढ़ती है और इसमें राम और भीम को एक ही जगह पर दिखाया जाता है। पेट्रोल से भरी ट्रेन पूल से गुजर रही होती है। तभी उसमें आग लग जाती है और भारी भरकम ब्लास्ट होता है। इसी बीच एक छोटा बच्चा पूल के निचे अपनी छोटी सी नाव में होता है। वह आग की लपटों से घिर जाता है और सबको मदद के लिए पुकारता है। राम और भीम अपनी जान पर खेलकर उस बच्चे की जान बचाते हैं। यह नामुमकिन कार्य राम और भीम कर दिखाते हैं। जिसके बाद उनके बीच मे गहरी दोस्ती हो जाती है।
भीम और जेनिफर के प्रेम में राम की मदद
रास्ते में जाते वक्त भीम की नजर जेनिफर पर पड़ती है। जिसे वह एक टक देखता ही रहता है। राम भीम के मन की बात समझ जाता है और उससे पूछता है कि क्या जेनिफर से प्रेम करते हो भीम हां में जवाब देता है। लेकिन अपनी बेबसी बताता है की शुरुवात कैसे करूँ। यह समझ नहीं आता है फिर राम भीम की मदद करता है। वह कुछ किले पीछे आ रही जेनिफर के कार के आगे डाल देता है, जिससे कि उसकी कार पंचर हो जाती है राम चतुराई से जेनिफर को भीम की बाइक पर भेज देता है।
इसके बाद जेनिफर उसे एक छोटी सी भारतीय मार्केट में लेकर जाती है। वही जेनिफर उसे पार्टी में आने के लिए एक इनविटेशन कार्ड देती है। भीम उस कार्ड को लेकर राम के पास जाता है। उसे सब घटना बतलाता है। राम भीम के हाथों से खाने की थाली छीन कर बोलता है अरे यह पार्टी तो आज ही है तुम जाओ अभी पार्टी में । भीम राम को भी चलने के लिए कहता है और राम भी तैयार हो जाता है। राम भीम को अच्छे से सूट बूट में तैयार करता है। इसके बाद नाटो नाटो गाने की शुरुआत हो जाती है जो कि बहुत ही फेमस हुआ है।
भीम और उसकी बहन मल्ली की मुलाकात
फिल्म के गाने के समाप्त होने पर जेनिफर भीम को अपने साथ महल के अंदर ले जाती है। भीम की नजरें चारों तरफ केवल अपनी बहन मल्ली को ही ढूंढ रही होती है। जेनिफर अपनी कुछ बातें भीम से कह रही होती है लेकिन भीम उसे भूख लगने का बहाना करता है और जेनिफर भीम के खाने के लिए कुछ लेने जाती है। तभी भीम तोड़ते हुए, दौड़ते भागते, छिपते हुवे, मल्ली को ढूंढने लगता है। अंत में मल्ली एक कमरे में कैद उसे दिख जाती है। मल्ली उसे ना जाने के लिए प्रार्थना करती है। मल्ली बताती है की उसे माँ और गोंडा समुदाय की बहुत याद आती है। वह मल्ली से वादा करता है मैं जल्दी उसे छुड़ाने के लिए वापस आएगा।
राम को जहरीले सांप का काटना
लच्छू जोकि गोंडा समुदाय का वही व्यक्ति था जो कि राम को चकमा देकर भाग निकला था। परंतु राम ने अपने दिमाग का इस्तेमाल करते हुए देर सवेर उसे पकड़ लेता है। राम लच्छू को ले जाकर अपनी कैद में बहुत पिटाई करता है। परंतु लच्छू उसे अपने समुदाय के सरदार के बारे में कुछ नहीं बताता है। थोड़ी देर बाद जब राम वापस आता है तो लच्च्छू जिसका का हाथ बंधा हुआ था। उन हाथों से लच्च्छू जहरीले सांप को पकड़ लेता है और जहरीला सांप को राम पर छोड़ देता है।
लच्छू हंसते हुए बताता है कि यह बहुत जहरीला साँप है। इसके काटने से तुम्हारी 1 घंटे में मृत्यु हो जाएगी तब राम लच्छू के हाथ में बंधी रस्सी खोल देता है। राम, लच्छू को वहाँ से जाने को कहता है। लच्छू हैरान रह जाता है, पर ये सब बातें सोचते हुए वह वह से चला जाता है। सांप के काटने से राम बेसुध होने लगता है।
भीम का राम की जान बचाना और अपनी सच्चाई बताना
दूसरी तरफ भीम महल में घुसने की परियोजना बना रहा होता है। अपने समुदाय के लोगो को दिशा निर्देशन करते हुए आज ही महल के अंदर प्रवेश करने की योजना बनाई जाती है। इतने में ही राम बेसुध होकर गलियों में गिरता पड़ता वहां पहुंचता है। भीम राम को देख लेता है और उसका उपचार देसी जड़ी बूटियों से करने लगता है। राम को उठाकर वहां से उसके घर तक पहुंचा देता है। राम भीम के गले में वही वाला देखता है जो कि लच्छू ने पहनी हुई थी। भीम राम को अपनी सारी सच्चाई बताने लगता है। किस तरह अंग्रेज अफसर ने उसकी बहन मल्ली को जंगलों से जबरदस्ती कैद कर कर महल में रखा हुआ है।
भीम राम को बताता है कि जड़ी बूटियों ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। राम तुम्हारी तबियत सुबह तक बिल्कुल ठीक हो जाएगी। भीम राम से कहता है की मैं तुमसे माफी मांगता हूं। मैं तुम्हें ऐसी हालत में छोड़कर जाने के लिए मजबूर हूं। क्योंकि मुझे महल में जाकर अपनी बहन मल्ली को बचाना है। भीम राम को छोड़ के वह से महल की और चला जाता है।
भीम और राम का आमना सामना
भीम और उसके साथी घात लगाकर महल के सामने वाले मुख्य द्वार पर तैनात होते हैं। जैसे ही महल का मुख्य दरबार द्वार खुलता है, वैसे ही भीम और उसके साथी महल के मुख्य दरवाजे को तोड़ते हुए अंदर घुस जाते हैं। ट्रक के अंदर पिंजरे से भीम कई जंगली जानवरों को निकाल देता है। जहां ब्रिटिश अफसरों की चल रही पार्टी में जंगली जानवर लोगों पर टूट पड़ते हैं। भीम और ब्रिटिश सिपाही में लड़ाई होती है, जिसने की बाइक बनाते वक्त अपनी गर्लफ्रेंड के सामने उसकी पिटाई की थी। ब्रिटिश सिपाही बहन मल्ली पर हाथ उठा देता है जिससे देखकर भीम का गुस्सा सातवे आसमान पर पहुंच जाता है।
भीम उस ब्रिटिश सिपाही को बुरी तरह से पिटाई करता है। इन सब घटनाओं के बीच राम ब्रिटिश सरकार की वर्दी पहने हुए भीम के सामने आ जाता है। राम भीम को ब्रिटिश सरकार के खिलाफ बगावत करने के जुर्म में गिरफ्तार करने के लिए हथकड़ी पहनाने लगता है। दूसरी तरफ भीम
को बड़ा गहरा आघात पहुंचता है की उसका मित्र कोई और नहीं बल्कि ब्रिटिश सरकार में काम करने वाला सरकारी अफसर है। भीम राम को समझाने की कोशिश करता है। राम के सामने अपनी बहन मल्ली को छुड़ाने के लिए भीख मांगता है। परन्तु राम भीम की एक भी बात नहीं सुनता। भीम राम से कहता है कि मैं बेकसूर हूं मेरी इसमें कोई गलती नहीं है यह सब जो भी हुआ ब्रिटिश सरकार के जुल्मों के कारण हो रहा है।
दोनों के बीच घमासान चालू हो जाता है दोनों एक दूसरे पर एक से बढ़कर एक प्रहार करना चालू कर देते हैं। राम और भीम एक दूसरे से कम नहीं थे। दोनों की ताकत का अंदाजा लगाना मुश्किल हो रहा था किसमे कितना दम है। भीम भागता हुवा महल की छत पर पहुंच जाता है। महल की छत से मल्ली को ढूंढने लगता है। परन्तु उसके पीछे पीछे राम भी पहुंच जाता है। राम भीम को मल्ली से मिलने से रोकने लगता है। इतने में ही अंग्रेज का बड़ा अफसर मल्ली पर बंदूक तान देता है। राम भीम को समझाता है है कि अगर उसने आत्मसमर्पण नहीं किया तो मल्ली को गोली मार दी जाएगी। अंत में भीम ब्रिटिश सरकार के सामने आत्मसमर्पण कर देता है।
राम का मल्ली और भीम को छुड़ाने की योजना बनाना
राम एक देशभक्त पिता का बेटा होता है। राम जानबूझकर ब्रिटिश सरकार में भर्ती होता है ताकि वहां गोले बारूद के भण्डार पर कब्जा सके। सारे बंदूकों और गोलियों को अपने गांव ले जा सके। और अपने देश और गांव को ब्रिटिश सरकार के जुल्मों से छुटकारा दिला सके। परन्तु राम इन सब की परवाह ना करते हुए। राम भीम और मल्ली को छुड़ाने का योजना बनाता है। और वह ब्रिटिश सरकार को चकमा देकर भीम और मल्ली को वहां से भगाने में अप्रत्यक्ष रूप से मदद करता है। ब्रिटिश सरकार द्वारा राम को कैद में ले लिया जाता है और उसे फांसी की सजा सुना दी जाती है।
सीता के द्वारा भीम को राम की सच्चाई पता चलना
भीम मल्ली और अपने समुदाय के अन्य सदस्यों के साथ छुपते छुपाते हाथरस तक पहुंच जाते हैं। दूसरी तरफ ब्रिटिश सरकार के सिपाही भीम को ढूंढते हुए उसी सराय तक पहुंच जाते हैं।
ब्रिटिश सरकार के सिपाही भीम तक पहुंचने वाले होते हैं। तभी सीता वहां आ जाती है। सीता ब्रिटिश सरकार के अफसर से झूठ बोलती है कि यहां चेचक फैला हुआ है। सीता ब्रिटिश सरकार के उन सिपाहियों से मरीजों को अस्पताल ले जाने की अपील करती है। परंतु ब्रिटिश सरकार का सिपाही उसके पेट में लात मारता है। सीता को अपने से दूर रहने के लिए बोलता है। सारी पुलिस वहां से चेचक का नाम सुनते ही भाग जाती है।
सीता की मदद करते देख भीम की आंखें नम हो जाती हैं। सीता बाद में भीम और उसके अन्य सभी साथियों को भोजन कराती है। अपने मंगेतर भी राम की सारी सच्चाई भीम को अनजाने में सुनाती है। तब जाकर भीम राम की सच्चाई पता चलती है। भीम राम को लेकर बड़ा पछतावा करता है। निश्चय कर उसे छुड़ाने के लिए उसी महल में दुबारा पहुंच जाता है। छुपते छुपाते महल में कैद राम को भीम ढूंढ निकालता है। और राम को अपने कंधे पर बिठाकर महल से बाहर निकल जाता है।
फिल्म आर.आर.आर का अंतिम सीन
महल से निकलते वक्त राम जख्मी हो जाता है। इसके पश्चात भी भीम राम को जंगल में बने एक मंदिर के पास ले जाता है। वहां राम जी की मूर्ति बनी होती है और धनुष बाण भी रखा हुआ होता है। भीम भगवाधारी झंडे उतार कर सभी को राम के शरीर पर लपेट देता है। दूसरी तरफ अंग्रेजी हुकूमत के सिपाही जंगल की चारों तरफ उन्हें ढूंढने लगते हैं। भीम पानी की तलाश में झील के पास जाता है, तभी ब्रिटिश सरकार के सिपाही भीम पर हमला बोल देते हैं। भीम बड़े ही जांबाजी के साथ उन सभी सिपाहियों का सामना करता है।
अचानक राम भगवान श्री राम की कपड़े और तीर धनुष पहने हुए एंट्री करता है। अंग्रेजों को नाको चने चबवा देता है। राम और भीम दोनों मिलकर ब्रिटिश सरकार के सिपाहियों की सारी टुकड़ी को खत्म कर देते हैं। राम भीम को महल की तरफ चलने के लिए कहता है। एक तरफ राम घोड़े पर सवार होकर तो दूसरी तरफ भीम मोटरसाइकिल पर सवार होकर महल के तरफ बढ़ते हैं। दोनों की जोड़ी मानो राम और लक्ष्मण की जोड़ी लग रही थी। दोनों महल के अंदर प्रवेश कर जाते हैं।
ब्रिटिश सरकार के उस बड़े अफसर से राम की लड़ाई शुरू हो जाती है। राम अफसर को अच्छा सबक सिखाता है। राम उस महल के अंदर गोला बारूद के भंडार को ब्लास्ट कर देता है। सारा महल टूट कर खंडर हो जाता है। ब्रिटिश सरकार के बड़े अफसर और पत्नी दोनों मारे जाते है। दूसरी तरफ भीम बंदूकों और गोलियों से भरे बक्से बचाकर ट्रक में भर लेता है। और दोनों गोलियों से भरे उन बक्सों को लेकर राम के गांव पहुंच जाते हैं। अंत में भीम राम से शिक्षा मांगने की बात करता है। जल्द ही फिल्म आर.आर.आर का पार्ट 2 देखने को मिल सकता है।